धार की ऐतिहासिक भोजशाला एक बार फिर धार्मिक और सामाजिक माहौल को लेकर चर्चा में है। मंगलवार की सुबह यहां हिंदू समाज का नियमित सत्याग्रह शुरू होते ही परिसर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा, सरस्वती वंदना और अनुष्ठानिक पूजा विधान संपन्न हुआ। कार्यक्रम के बाद यह साफ हो गया कि यह सिर्फ विरोध का मंच नहीं, बल्कि 'भोजशाला मुक्ति' का अनवरत चलने वाला अभियान बन गया है।
लिया संकल्प, मांगें पूरी होने तक करेंगे आंदोलन
सत्याग्रह में शामिल संगठनों और संतों ने एक सुर में कहा कि जब तक उनकी मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं हो जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। हिंदू समाज की इस दृढ़ता के पीछे वह कानूनी लड़ाई भी है जो अभी मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में लंबित है। हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की ओर से भोजशाला को लेकर दायर की गई याचिका पर कोर्ट का फैसला आना अभी बाकी है और यही वजह है कि आंदोलनकारियों की नजरें अदालत पर भी टिकी हैं।
ASI सर्वे पर इंतजार, फैसला लेट हुआ तो बढ़ी बेचैनी
भोजशाला में ASI द्वारा प्रस्तावित सर्वे पर न्यायालय का अंतिम निर्णय अभी आना बाकी है। आंदोलनकारी मानते हैं कि वैज्ञानिक और ऐतिहासिक सर्वे से स्थिति स्पष्ट होगी कि यह परिसर वास्तव में क्या दर्शाता है। यह परिसर किस परंपरा का मूल केंद्र है। इसी मुद्दे को लेकर समाज में अलग-अलग उम्मीदें और असंतोष दोनों साथ-साथ चल रहे हैं।